हनुमान जयंती आज, कैसे करें हनुमान जी की पूजा-आराधना। Hanuman जयंती |
श्रीगुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुर सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार ।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार।।
भूत पिशाच निकट नहीं आवै।
महावीर जब नाम सुनावै।।
राम भक्त भगवान हनुमान कलयुग के देवता और भगवान शिव का 11 अवतार माना गया है भगवान हनुमान जल्द प्रसन्न होने वाले संकट मोचन देवता भी कहलाते हैं। जो भगवान सच्चे मन और उसे बजरंगबली की पूजा आराधना करते हैं। भगवान हनुमान हमेशा उनके जीवन में आने वाली बाधाएं और संकट को दूर करते हैं। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए भक्तों को रामायण राम चरित्र मानस का अखंड पाठ सुंदरकांड का पाठ हनुमान चालीसा, बजरंग बाण हनुमान बाहुक आदि का पाठ करना चाहिए। हिंदू पंचांग के अनुसार हनुमान जयंती हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष यह तिथि 6 अप्रैल को मनाई जाएगी ।
शास्त्रों के अनुसार आज भी पृथ्वी पर हनुमान जी वास करते हैं यह कहा जाता है कि हनुमान जी को चिरंजीवी का आशीर्वाद प्राप्त है मान्यता अनुसार हनुमानजी को सूर्यपुत्र और भगवान शिव का अंशावतार माना गया है।
माता अंजनी ने भगवान शिव की तपस्या की थी और उन्हें पुत्र के रूप में प्राप्त करने का वर मांगा था। तब भगवान शिव ने पवन देव के रूप में अपनी रुद्रशक्ति का अंश यज्ञ कुंड में अर्पित किया था। और वही शक्ति अंजनी के गर्भ में प्रविष्ट हुई थी फिर चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हनुमान जी का जन्म हुआ था। हनुमान जी की पूजा करने और व्रत रखने से हनुमान जी की आशीर्वाद प्राप्त होता है। और जीवन में किसी प्रकार का संकट नहीं आता है इसलिए हनुमान जी को संकट मोचन भी कहा गया है। जोशी विज्ञान के मुताबिक जिन लोगों की कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में है या फिर शनि की साढ़ेसाती चल रही है उन लोगों को हनुमान जी की पूजा विधि करना चाहिए ऐसा करने से शनि ग्रह से जुड़ी दिक्कतें दूर हो जाती है। हनुमान जी को मंगलकारी कहा गया है। इसलिए इन्हें की पूजा जीवन में मंगल लेकर आती है
श्री रामचंद्र जी देवलोक गमन करते समय हनुमान जी से कहा था कि मेरे जाने के बाद तो इस संसार में रहना और मेरे भक्तों की रक्षा करना खासतौर पर रावण जैसे दुर्गुणों से। आज भी हनुमान जी है और हनुमान जी सदैव अपने भक्तों पर कृपा करने सहयोग देने के लिए उपस्थित रहते हैं।
हनुमान जी पूजन विधि.....
हनुमान जी के जन्मोत्सव पर हनुमान जी के सामने दीपक जलाएं हनुमान चालीसा का पाठ करें सुंदरकांड का पाठ करें उड़द के आटे से दीपक बनाकर सूत के धागे से बत्ती बनाएं किसी भी तेल का दीपक जला सकते हैं। इन शुभ महायोग ओं में पवित्र अवस्था में होकर पवनसत हनुमान जी का पूजा अर्चना करने के उपरांत श्री राम चरित्र मानस का अखंड पाठ या सुंदरकांड का पाठ करना शनि एवं राहु के दोष निवारण के लिए एक मुखी हनुमत कवच एवं हनुमान बाहुक का पाठ भी करना विशेष फलप्रद रहेगा।
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