कोई भी पूजा उपासना करने के पूर्व इसश्लोक को पढ़ लेना चाहिए ताकि पूजा का पूर्ण फल मिल सके।
पहला श्लोक है -
"वन्दे बोधमयं नित्यं गुरु , शंकर रूपिणम | यमाश्रितो हि वक्रोपि , चन्द्रः सर्वत्र वन्द्यते||"
कोई भी पूजा उपासना करने के पूर्व इस
श्लोक को पढ़ लेना चाहिए ताकि पूजा का पूर्ण फल मिल सके.
अगर पूजा में कोई समस्या आ जाय तो शिव कृपा से वह
समाप्त हो जाती है।
- दूसरा दोहा है -
"महामंत्र जोई जपत महेसू, कासी मुकुति हेतु उपदेसू ।"
- जब भी आप मंत्र जाप करना या सिद्ध करना चाहते हों उसके
पहले यह दोहा पढना चाहिए।
- शिव जी की कृपा से तुरंत ही मंत्र सिद्ध भी होता है और प्रभावशाली भी.
• तीसरा दोहा है -
"संभु सहज समरथ भगवाना, एही बिबाह
सब विधि कल्याणा ।"
जब संतान के दाम्पत्य जीवन में समस्या आ रही हो तब इस
दोहे का प्रभाव अचूक होता है।
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