कांटाबास कैंप में गणपति विसर्जन बड़ी धूमधाम से गाजा बाजा के साथ विसर्जन किया गया इसमें उपस्थित रहे अधिकारी कर्मचारी।

 कांटाबास 28 सितंबर गणेश विसर्जन 

गणेश चतुर्थी सबसे शुभ त्योहारों में से एक है। यह त्यौहार गणेश विसर्जन नामक एक भव्य उत्सव के साथ समाप्त हुआ है, जहाँ भक्त भगवान गणेश की मूर्ति को कांटाबास के पास इंद्रावती नदी के जल में विसर्जित किया गया।

                  बाजा गाजा

 तीसरे, पांचवें और सातवें दिन होने वाले विसर्जन समारोहों के विपरीत, गणेश विसर्जन को अनंत चतुर्दशी करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है।

             ग्रामीणों के लिए प्यार

यह अनुष्ठान त्योहार मनाने के दस दिनों के बाद होता है और हिंदू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष में आता है। इसे अनंत चतुर्दशी भी कहा जाता है और भक्तों के जीवन में इसका बहुत महत्व है।

                 डांस का धूमधाम 

                  प्रसाद वितरण

कांटाबास कैंप में गणपति विसर्जन बड़ी धूमधाम से गाजा बाजा के साथ विसर्जन किया गया इसमें उपस्थित रहे कर्मचारी अधिकारी श्री राम अवतार मित्तल साहब, श्री बलित तिग्गा साहब, श्री दिवाकर तिवारी साहब, महेंद्र सिंह गुर्जर, सतीश पैकरा, विनय यादव,हरदेल मेजर, राजेश यादव, तामेश्वर दीवान, रघुराज प्रसाद रजक, अश्वनी कवंर, संतराम पोया, गगन सिंह भदोरिया, धर्मवीर सिंह, पिंटू ध्रुव, गुलाब जलेश्वर, पंकज, जय सिंह, राम सिंह, रामदुलार, संभु मनु, अरविंद टंडन, आनंद पासवान, कैलाश किंडो, मनोज सर्वंश, संतोष रजक, किशन बघेल, कौशिक, जयराम कंवर, वीरेंद्र मंडावी, नारायण दास अनिल माली, ओमवीर, रिंकू वर्मा, मुन्ना तिवारी, अनकराम, दिलीप बंजारे, रमेश रजक एवं समस्त ई कंपनी कर्मचारी।
         गणेश विसर्जन नदी इंद्रावती

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